भावार्थ - वृक्ष और नाना प्रकार की वनस्पतियाँ सदा स्थिर
विराजती हैं। समस्त पदार्थों और समस्त जगत को धारण
करने वाली उस पृथ्वी की हम स्तुति करते हैं।
Friday, May 25, 2012
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Monday, May 21, 2012
Sunday, April 8, 2012
मेरा परिवार
पापा कहते पढ़ो- लिखो पुस्तक लाओ पाठ सुनाओ |
माँ कहती है - सीधे बैठो यहाँ न शोर मचाओ |
भैया कहते -यहाँ न आओ भागो जाओ-जाओ |
दादा कहते- आओ बैठो हलवा पूरी खाओ |
दादी कहती- ऊपर आओ, अपनी नई पोएम सुनाओ |