Wednesday, January 12, 2011

बेटी

मैं दो बेटों की माँ बनी, एक बेटी की कमी अखरती रही।
बेटे के विवाह के बाद सुंदर सी बहू आई बेटी बन कर।
लगा नहीं कि वो कहीं और से आई ,लग़ा कि वो मेरी ही बेटी है।
कैसे बेटियाँ कहीं पैदा हो कर कहीं की हो जाती हैं ,
अपनें माँ-बाबा के नाम को चार चाँद लगाती हैं।
हाँ ,मेरी बहू मेरी बेटी है।

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