Wednesday, February 23, 2011

मेरे दादा-दादी



दादी मेरी सबसे न्यारी बातें करती प्यारी-प्यारी।
दादा मेरे इतने अच्छे प्यार करते उन्हें सब बच्चे।
पापा- मम्मी ऑफिस जाते दादा-दादी लाड लड़ाते।
अच्छी- अच्छी बातें बताते नए-पुराने किस्से सुनाते।
कभी परी लोक ले जाते तो कभी आजादी के दीवानों से मिलाते।
दादी मेरे लिए लड्डू बनाती दादा मुझे जलेबी खिलाते।
हर क्षण संस्कारों से पहचान कराते तभी तो हम अच्छे इंसान हैं बन पाते।
यदि हम उनके अनुभवों को जीवन में अपनाएं तो सदा आगे बढते हुए अपनी मंजिल पायें।
उनके होने से हैं घर-आँगन में बहारें इसीलिए तो मुझे अपने दादा-दादी हैं प्यारे।