Sunday, May 1, 2011

सफ़ाई अभियान

सुना है शहर में सफ़ाई अभियान चला है,
पता नहीं , यह क्या बला है।
भला सफ़ाई भी किसी को बताने कि जरुरत है,
यह तो हम सभी की आदत है ।
मुझे देखिए मैं भी बहुत सफ़ाई पसंद हूँ ,
घर और स्वयं को चमकाता हूँ,
और बाहर फेंकता सारा गंद हूँ।
मेरे घर में आपको एक तिनका भी न मिलेगा
मुझ पर इल्जाम लगाने के लिए एक पत्ता तक न हिलेगा।
वो तो भैया , बाहर गली में कूड़ा पड़ा है
और नालियों का पानी सारा सड़ा है,
कालोनी में कूड़ा , पर घर तो साफ़ है।
सफ़ाई कर्मचारी आते हैं और कहते हैं कि कूड़ा बाहर मत फेंकिए।
यदि कूड़ा बाहर न फेंके तो क्या इन्हें मुफ्त की पगार दें,
इनके आलसीपन को हवा दें।
नारों से सफ़ाई अभियान न सफ़ल होगा,
सख्ती से नियम लागू करना होगा।

हैं समझदार, स्वयं सोचिए आप।







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